History Of Beginning
सन 1925 के आसपास, हमारे दादा जी ने एक छोटी-सी दुकान से शिव ज्वेलर्स परिवार की नींव रखी।
उस समय ना कोई बड़ा नाम था, ना शोर —
बस था एक ही धन: ईमानदारी, मेहनत और लोगों का भरोसा।
फिर आए हमारे पिता जी,
जिन्होंने उस छोटे से व्यापार को एक बड़ा सपना बना दिया —
"हर हिंदुस्तानी तक शुद्ध सोना पहुँचे, सच्चे दामों में।"
लेकिन साल 2004 में, पिता जी हमें छोड़कर स्वर्ग सिधार गए।
उनका सपना अधूरा रह गया... पर हम तीन भाइयों ने मिलकर ठान लिया:
"अब यह सपना नहीं रहेगा — यह हमारा वचन बनेगा।"
हमने शुरू की नई सोच के साथ पुरानी विरासत को आगे बढ़ाने की यात्रा।
बनाई अपनी खुद की फैक्ट्री,
लाए BIS हॉलमार्क और HUID वाली ज्वेलरी,
और रखा सबसे सस्ता मेकिंग चार्ज — सिर्फ 4% से।
आज हम जो भी गहना बनाते हैं,
वो सिर्फ एक डिज़ाइन नहीं होता —
वो हमारे पापा का सपना, दादा की मेहनत और तीन बेटों का वचन होता है।